उल्लेखनीय है कि जांच कमेटी के सदस्यों ने सरकार को फाइनल रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें गड़बडिय़ां मिली है। रिपोर्ट के बाद सरकार ने विधिक राय लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अध्ययन करवा रही है।
पूरी पारदर्शिता एवं व्यवस्थित होगी परीक्षा
राठौड़ ने बताया, सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद राज्य सरकार जल्द ही पारदर्शिता एवं व्यवस्थित तरीके से ये परीक्षा करवाएगी। सूत्रों के अनुसार, परीक्षा किसी अन्य एजेंसी से करवाई जा सकती है।
सफल अभ्यर्थी सकते में, पीडितों में खुशी
परीक्षा में गड़बडियां उजागर होने और अब सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर करने के फैसले से सफल अभ्यर्थी सकते में है। उनका कहना है कि खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है जबकि दोषियों पर कोई कार्रवाई ही नहीं की गई।
इधर, आरपीएमटी पीडित अभ्यर्थियों की संघष्ाü समिति के मनोज माहेश्वरी एवं डी.के.गुप्ता ने सरकार के निर्णय को राहत देने वाला बताया है।
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इस्तीफे की चर्चा
सरकार के इस निर्णय के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार के इस्तीफे की चर्चाएं रहीं। लेकिन देर रात तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।
फैसले से पहले शुरू हुई काउंसलिंग
एक तरफ तो छात्रों को सरकार के फैसले का इंतजार है, वहीं दूसरी तरफ मंगलवार से काउंसलिंग जारी है। जिससे छात्र व अभिभावक असमंजस की स्थिति में है। अधिकारियों का कहना है कि हम तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना कर रहे है। जिसके तहत 25 जून तक काउंसलिंग संपूर्ण कराना जरुरी है। इधर, छात्र व अभिभावक मंगलवार को स्वास्थ्य निदेशालय में चक्कर काटते नजर आए। उनका कहना था कि सरकार की ओर से न्याय नहीं मिला, तो कोर्ट में भी जा सकते है।